مَا يُقَالُ لَكَ اِلَّا مَا قَدْ قِيْلَ لِلرُّسُلِ مِنْ قَبْلِكَ ۗاِنَّ رَبَّكَ لَذُوْ مَغْفِرَةٍ وَّذُوْ عِقَابٍ اَلِيْمٍ ( فصلت: ٤٣ )
Not
مَّا
नहीं
is said
يُقَالُ
कहा जाता
to you
لَكَ
आपसे
except
إِلَّا
मगर
what
مَا
वो जो
was said
قَدْ
तहक़ीक़
was said
قِيلَ
कहा गया
to the Messengers
لِلرُّسُلِ
रसूलों से
before you
مِن
आपसे पहले
before you
قَبْلِكَۚ
आपसे पहले
Indeed
إِنَّ
बेशक
your Lord
رَبَّكَ
रब आपका
(is) Possessor
لَذُو
अलबत्ता बख़्शिश वाला है
(of) forgiveness
مَغْفِرَةٍ
अलबत्ता बख़्शिश वाला है
and Possessor
وَذُو
और सज़ा देने वाला है
(of) penalty
عِقَابٍ
और सज़ा देने वाला है
painful
أَلِيمٍ
दर्दनाक
Ma yuqalu laka illa ma qad qeela lilrrusuli min qablika inna rabbaka lathoo maghfiratin wathoo 'iqabin aleemin (Fuṣṣilat 41:43)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम्हें बस वही कहा जा रहा है, जो उन रसूलों को कहा जा चुका है, जो तुमसे पहले गुज़र चुके है। निस्संदेह तुम्हारा रब बड़ा क्षमाशील है और दुखद दंड देनेवाला भी
English Sahih:
Nothing is said to you, [O Muhammad], except what was already said to the messengers before you. Indeed, your Lord is a possessor of forgiveness and a possessor of painful penalty. ([41] Fussilat : 43)