وَضَلَّ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا يَدْعُوْنَ مِنْ قَبْلُ وَظَنُّوْا مَا لَهُمْ مِّنْ مَّحِيْصٍ ( فصلت: ٤٨ )
And lost
وَضَلَّ
और गुम हो जाऐंगे
from them
عَنْهُم
उनसे
what
مَّا
जिन्हें
they were
كَانُوا۟
थे वो
invoking
يَدْعُونَ
वो पुकारते
before
مِن
इससे पहले
before
قَبْلُۖ
इससे पहले
and they (will) be certain
وَظَنُّوا۟
और वो समझ लेंगे
(that) not
مَا
नहीं है
for them
لَهُم
उनके लिए
any
مِّن
कोई जाए पनाह
place of escape
مَّحِيصٍ
कोई जाए पनाह
Wadalla 'anhum ma kanoo yad'oona min qablu wathannoo ma lahum min maheesin (Fuṣṣilat 41:48)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जिन्हें वे पहले पुकारा करते थे वे उनसे गुम हो जाएँगे। और वे समझ लेंगे कि उनके लिए कोई भी भागने की जगह नहीं है
English Sahih:
And lost from them will be those they were invoking before, and they will be certain that they have no place of escape. ([41] Fussilat : 48)