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لَهٗ مَقَالِيْدُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۚ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ يَّشَاۤءُ وَيَقْدِرُ ۚاِنَّهٗ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيْمٌ   ( الشورى: ١٢ )

To Him (belongs)
لَهُۥ
उसी के लिए हैं
(the) keys
مَقَالِيدُ
कुंजियाँ
(of) the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضِۖ
और ज़मीन की
He extends
يَبْسُطُ
वो फैलाता है
the provision
ٱلرِّزْقَ
रिज़्क़
for whom
لِمَن
जिसके लिए
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
and restricts
وَيَقْدِرُۚ
और वो तंग कर देता है
Indeed He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
of every
بِكُلِّ
हर
thing
شَىْءٍ
चीज़ को
(is) All-Knower
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है

Lahu maqaleedu alssamawati waalardi yabsutu alrrizqa liman yashao wayaqdiru innahu bikulli shayin 'aleemun (aš-Šūrā 42:12)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

आकाशों और धरती की कुंजियाँ उसी के पास हैं। वह जिसके लिए चाहता है रोज़ी कुशादा कर देता है और जिसके लिए चाहता है नपी-तुली कर देता है। निस्संदेह उसे हर चीज़ का ज्ञान है

English Sahih:

To Him belong the keys of the heavens and the earth. He extends provision for whom He wills and restricts [it]. Indeed He is, of all things, Knowing. ([42] Ash-Shuraa : 12)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

सारे आसमान व ज़मीन की कुन्जियाँ उसके पास हैं जिसके लिए चाहता है रोज़ी को फराख़ कर देता है (जिसके लिए) चाहता है तंग कर देता है बेशक वह हर चीज़ से ख़ूब वाक़िफ़ है