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فَاصْفَحْ عَنْهُمْ وَقُلْ سَلٰمٌۗ فَسَوْفَ يَعْلَمُوْنَ ࣖ  ( الزخرف: ٨٩ )

So turn away
فَٱصْفَحْ
पस दरगुज़र कीजिए
from them
عَنْهُمْ
उनसे
and say
وَقُلْ
और कह दीजिए
"Peace"
سَلَٰمٌۚ
सलाम है
But soon
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
they will know
يَعْلَمُونَ
वो जान लेंगे

Faisfah 'anhum waqul salamun fasawfa ya'lamoona (az-Zukhruf 43:89)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अच्छा तो उनसे नज़र फेर लो और कह दो, 'सलाम है तुम्हें!' अन्ततः शीघ्र ही वे स्वयं जान लेंगे

English Sahih:

So turn aside from them and say, "Peace." But they are going to know. ([43] Az-Zukhruf : 89)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो तुम उनसे मुँह फेर लो और कह दो कि तुम को सलाम तो उन्हें अनक़रीब ही (शरारत का नतीजा) मालूम हो जाएगा