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सूरह अल-अह्काफ़ आयत १०

قُلْ اَرَءَيْتُمْ اِنْ كَانَ مِنْ عِنْدِ اللّٰهِ وَكَفَرْتُمْ بِهٖ وَشَهِدَ شَاهِدٌ مِّنْۢ بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ عَلٰى مِثْلِهٖ فَاٰمَنَ وَاسْتَكْبَرْتُمْۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الظّٰلِمِيْنَ ࣖ   ( الأحقاف: ١٠ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"Do you see
أَرَءَيْتُمْ
क्या देखा तुमने
if
إِن
अगर
it is
كَانَ
है वो
from Allah
مِنْ
अल्लाह की तरफ़ से
from Allah
عِندِ
अल्लाह की तरफ़ से
from Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
and you disbelieve
وَكَفَرْتُم
और कुफ़्र किया तुमने
in it
بِهِۦ
साथ उसके
and testifies
وَشَهِدَ
और गवाही दे चुका
a witness
شَاهِدٌ
एक गवाह
from
مِّنۢ
बनी इस्राईल में से
(the) Children of Israel
بَنِىٓ
बनी इस्राईल में से
(the) Children of Israel
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल में से
to
عَلَىٰ
इस जैसे (कलाम) पर
(the) like thereof
مِثْلِهِۦ
इस जैसे (कलाम) पर
then he believed
فَـَٔامَنَ
पस वो ईमान ले आया
while you are arrogant?"
وَٱسْتَكْبَرْتُمْۖ
और तकब्बुर किया तुमने
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं वो हिदायत देता
guide
يَهْدِى
नहीं वो हिदायत देता
the people
ٱلْقَوْمَ
उन लोगों को
the wrongdoers
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Qul araaytum in kana min 'indi Allahi wakafartum bihi washahida shahidun min banee israeela 'ala mithlihi faamana waistakbartum inna Allaha la yahdee alqawma alththalimeena (al-ʾAḥq̈āf 46:10)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो, 'क्या तुमने सोचा भी (कि तुम्हारा क्या परिणाम होगा)? यदि वह (क़ुरआन) अल्लाह के यहाँ से हुआ और तुमने उसका इनकार कर दिया, हालाँकि इसराईल की सन्तान में से एक गवाह ने उसके एक भाग की गवाही भी दी। सो वह ईमान ले आया और तुम घमंड में पड़े रहे। अल्लाह तो ज़ालिम लोगों को मार्ग नहीं दिखाता।'

English Sahih:

Say, "Have you considered: if it [i.e., the Quran] was from Allah, and you disbelieved in it while a witness from the Children of Israel has testified to something similar and believed while you were arrogant...?" Indeed, Allah does not guide the wrongdoing people. ([46] Al-Ahqaf : 10)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि भला देखो तो कि अगर ये (क़ुरान) ख़ुदा की तरफ से हो और तुम उससे इन्कार कर बैठे हालॉकि (बनी इसराईल में से) एक गवाह उसके मिसल की गवाही भी दे चुका और ईमान भी ले आया और तुमने सरकशी की (तो तुम्हारे ज़ालिम होने में क्या शक़ है) बेशक ख़ुदा ज़ालिम लोगों को मन्ज़िल मक़सूद तक नहीं पहुँचाता