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सूरह अल-अह्काफ़ आयत ११

وَقَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لِلَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَوْ كَانَ خَيْرًا مَّا سَبَقُوْنَآ اِلَيْهِۗ وَاِذْ لَمْ يَهْتَدُوْا بِهٖ فَسَيَقُوْلُوْنَ هٰذَآ اِفْكٌ قَدِيْمٌ   ( الأحقاف: ١١ )

And say
وَقَالَ
और कहा
those who
ٱلَّذِينَ
उन लोगों ने जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
of those who
لِلَّذِينَ
उनसे जो
believe
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
"If
لَوْ
अगर
it had been
كَانَ
होता वो
good
خَيْرًا
बेहतर
not
مَّا
ना
they (would) have preceded us
سَبَقُونَآ
वो सबक़त ले जाते हम पर
to it"
إِلَيْهِۚ
तरफ़ उसके
And when
وَإِذْ
और जब कि
not
لَمْ
नहीं
they (are) guided
يَهْتَدُوا۟
उन्होंने हिदायत पाई
by it
بِهِۦ
साथ उसके
they say
فَسَيَقُولُونَ
तो ज़रूर वो कहेंगे
"This
هَٰذَآ
ये
(is) a lie
إِفْكٌ
झूठ है
ancient"
قَدِيمٌ
पुराना

Waqala allatheena kafaroo lillatheena amanoo law kana khayran ma sabaqoona ilayhi waith lam yahtadoo bihi fasayaqooloona hatha ifkun qadeemun (al-ʾAḥq̈āf 46:11)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिन लोगों ने इनकार किया, वे ईमान लानेवालों के बारे में कहते है, 'यदि वह अच्छा होता तो वे उसकी ओर (बढ़ने में) हमसे अग्रसर न रहते।' औऱ जब उन्होंने उससे मार्ग ग्रहण नहीं किया तो अब अवश्य कहेंगे, 'यह तो पुराना झूठ है!'

English Sahih:

And those who disbelieve say of those who believe, "If it had [truly] been good, they would not have preceded us to it." And when they are not guided by it, they will say, "This is an ancient falsehood." ([46] Al-Ahqaf : 11)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और काफिर लोग मोमिनों के बारे में कहते हैं कि अगर ये (दीन) बेहतर होता तो ये लोग उसकी तरफ हमसे पहले न दौड़ पड़ते और जब क़ुरान के ज़रिए से उनकी हिदायत न हुई तो अब भी कहेंगे ये तो एक क़दीमी झूठ है