وَلِكُلٍّ دَرَجٰتٌ مِّمَّا عَمِلُوْاۚ وَلِيُوَفِّيَهُمْ اَعْمَالَهُمْ وَهُمْ لَا يُظْلَمُوْنَ ( الأحقاف: ١٩ )
And for all
وَلِكُلٍّ
और हर एक के लिए
(are) degrees
دَرَجَٰتٌ
दर्जे हैं
for what
مِّمَّا
उसमें से जो
they did
عَمِلُوا۟ۖ
उन्होंने अमल किए
and that He may fully compensate them
وَلِيُوَفِّيَهُمْ
और ताकि वो पुरा-पूरा बदला दे उन्हें
(for) their deeds
أَعْمَٰلَهُمْ
उनके आमाल का
and they
وَهُمْ
और वो
will not be wronged
لَا
वो ज़ुल्म ना किए जाऐंगे
will not be wronged
يُظْلَمُونَ
वो ज़ुल्म ना किए जाऐंगे
Walikullin darajatun mimma 'amiloo waliyuwaffiyahum a'malahum wahum la yuthlamoona (al-ʾAḥq̈āf 46:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उनमें से प्रत्येक के दरजे उनके अपने किए हुए कर्मों के अनुसार होंगे (ताकि अल्लाह का वादा पूरा हो) और वह उन्हें उनके कर्मों का पूरा-पूरा बदला चुका दे और उनपर कदापि ज़ुल्म न होगा
English Sahih:
And for all there are degrees [of reward and punishment] for what they have done, and [it is] so that He may fully compensate them for their deeds, and they will not be wronged. ([46] Al-Ahqaf : 19)