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۞ يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اَطِيْعُوا اللّٰهَ وَاَطِيْعُوا الرَّسُوْلَ وَلَا تُبْطِلُوْٓا اَعْمَالَكُمْ  ( محمد: ٣٣ )

O you who believe!
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
O you who believe!
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
O you who believe!
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए हो
Obey
أَطِيعُوا۟
इताअत करो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and obey
وَأَطِيعُوا۟
और इताअत करो
the Messenger
ٱلرَّسُولَ
रसूल की
and (do) not
وَلَا
और ना
make vain
تُبْطِلُوٓا۟
तुम बातिल करो
your deeds
أَعْمَٰلَكُمْ
आमाल अपने

Ya ayyuha allatheena amanoo atee'oo Allaha waatee'oo alrrasoola wala tubtiloo a'malakum (Muḥammad 47:33)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालों! अल्लाह का आज्ञापालन करो और रसूल का आज्ञापालन करो और अपने कर्मों को विनष्ट न करो

English Sahih:

O you who have believed, obey Allah and obey the Messenger and do not invalidate your deeds. ([47] Muhammad : 33)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमानदारों ख़ुदा का हुक्म मानों और रसूल की फरमाँबरदारी करो और अपने आमाल को ज़ाया न करो