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وَلِلّٰهِ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ يَغْفِرُ لِمَنْ يَّشَاۤءُ وَيُعَذِّبُ مَنْ يَّشَاۤءُ ۗوَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا  ( الفتح: ١٤ )

And for Allah
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए है
(is the) kingdom
مُلْكُ
बादशाहत
(of) the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضِۚ
और ज़मीन की
He forgives
يَغْفِرُ
वो बख़्श देगा
whom
لِمَن
जिसे
He wills
يَشَآءُ
वो चाहेगा
and punishes
وَيُعَذِّبُ
और वो अज़ाब देगा
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُۚ
वो चाहेगा
And is
وَكَانَ
और है
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
Oft-Forgiving
غَفُورًا
बहुत बख़्शने वाला
Most Merciful
رَّحِيمًا
निहायत रहम करने वाला

Walillahi mulku alssamawati waalardi yaghfiru liman yashao wayu'aththibu man yashao wakana Allahu ghafooran raheeman (al-Fatḥ 48:14)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह ही की है आकाशों और धरती की बादशाही। वह जिसे चाहे क्षमा करे और जिसे चाहे यातना दे। और अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है

English Sahih:

And to Allah belongs the dominion of the heavens and the earth. He forgives whom He wills and punishes whom He wills. And ever is Allah Forgiving and Merciful. ([48] Al-Fath : 14)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और सारे आसमान व ज़मीन की बादशाहत ख़ुदा ही की है जिसे चाहे बख्श दे और जिसे चाहे सज़ा दे और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है