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اِنَّ الَّذِيْنَ يُنَادُوْنَكَ مِنْ وَّرَاۤءِ الْحُجُرٰتِ اَكْثَرُهُمْ لَا يَعْقِلُوْنَ   ( الحجرات: ٤ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
those who
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
call you
يُنَادُونَكَ
आवाज़ देते हैं आपको
from
مِن
बाहर से
behind
وَرَآءِ
बाहर से
the private chambers
ٱلْحُجُرَٰتِ
हुजरों के
most of them
أَكْثَرُهُمْ
अक्सर उनके
(do) not
لَا
नहीं वो अक़्ल रखते
understand
يَعْقِلُونَ
नहीं वो अक़्ल रखते

Inna allatheena yunadoonaka min warai alhujurati aktharuhum la ya'qiloona (al-Ḥujurāt 49:4)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो लोग (ऐ नबी) तुम्हें कमरों के बाहर से पुकारते है उनमें से अधिकतर बुद्धि से काम नहीं लेते

English Sahih:

Indeed, those who call you, [O Muhammad], from behind the chambers – most of them do not use reason. ([49] Al-Hujurat : 4)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) जो लोग तुमको हुजरों के बाहर से आवाज़ देते हैं उनमें के अक्सर बे अक्ल हैं