Skip to main content

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اَوْفُوْا بِالْعُقُوْدِۗ اُحِلَّتْ لَكُمْ بَهِيْمَةُ الْاَنْعَامِ اِلَّا مَا يُتْلٰى عَلَيْكُمْ غَيْرَ مُحِلِّى الصَّيْدِ وَاَنْتُمْ حُرُمٌۗ اِنَّ اللّٰهَ يَحْكُمُ مَا يُرِيْدُ  ( المائدة: ١ )

O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe!
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए हो
Fulfil
أَوْفُوا۟
पूरा करो
the contracts
بِٱلْعُقُودِۚ
अहदो पैमान को
Are made lawful
أُحِلَّتْ
हलाल कर दिए गए
for you
لَكُم
तुम्हारे लिए
the quadruped
بَهِيمَةُ
चौपाए
(of) the grazing livestock
ٱلْأَنْعَٰمِ
मवेशियों के
except
إِلَّا
सिवाय
what
مَا
उनके जो
is recited
يُتْلَىٰ
पढ़े जाऐंगे
on you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
not
غَيْرَ
ना
being permitted
مُحِلِّى
हलाल करने वाले हो
(to) hunt
ٱلصَّيْدِ
शिकार को
while you
وَأَنتُمْ
जबकि तुम
(are in) Ihram
حُرُمٌۗ
(हालत) ऐहराम में हो
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
decrees
يَحْكُمُ
वो फ़ैसला करता है
what
مَا
जो
He wills
يُرِيدُ
वो चाहता है

Ya ayyuha allatheena amanoo awfoo bial'uqoodi ohillat lakum baheematu alan'ami illa ma yutla 'alaykum ghayra muhillee alssaydi waantum hurumun inna Allaha yahkumu ma yureedu (al-Māʾidah 5:1)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालो! प्रतिबन्धों (प्रतिज्ञाओं, समझौतों आदि) का पूर्ण रूप से पालन करो। तुम्हारे लिए चौपायों की जाति के जानवर हलाल हैं सिवाय उनके जो तुम्हें बताए जा रहें हैं; लेकिन जब तुम इहराम की दशा में हो तो शिकार को हलाल न समझना। निस्संदेह अल्लाह जो चाहते है, आदेश देता है

English Sahih:

O you who have believed, fulfill [all] contracts. Lawful for you are the animals of grazing livestock except for that which is recited to you [in this Quran] – hunting not being permitted while you are in the state of ihram. Indeed, Allah ordains what He intends. ([5] Al-Ma'idah : 1)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमानदारों (अपने) इक़रारों को पूरा करो (देखो) तुम्हारे वास्ते चौपाए जानवर हलाल कर दिये गये उन के सिवा जो तुमको पढ़ कर सुनाए जाएंगे हलाल कर दिए गए मगर जब तुम हालते एहराम में हो तो शिकार को हलाल न समझना बेशक ख़ुदा जो चाहता है हुक्म देता है