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مَا جَعَلَ اللّٰهُ مِنْۢ بَحِيْرَةٍ وَّلَا سَاۤىِٕبَةٍ وَّلَا وَصِيْلَةٍ وَّلَا حَامٍ ۙوَّلٰكِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا يَفْتَرُوْنَ عَلَى اللّٰهِ الْكَذِبَۗ وَاَكْثَرُهُمْ لَا يَعْقِلُوْنَ   ( المائدة: ١٠٣ )

Not
مَا
नहीं
has (been) made
جَعَلَ
बनाया
(by) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
of
مِنۢ
कोई बहीरह
a Bahirah
بَحِيرَةٍ
कोई बहीरह
and not
وَلَا
और ना
a Saibah
سَآئِبَةٍ
कोई साएबा
and not
وَلَا
और ना
a Wasilah
وَصِيلَةٍ
कोई वसीला
and not
وَلَا
और ना कोई हाम
a Hami
حَامٍۙ
और ना कोई हाम
[And] but
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
they invent
يَفْتَرُونَ
वो गढ़ लेते हैं
against
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
the lie
ٱلْكَذِبَۖ
झूठ
and most of them
وَأَكْثَرُهُمْ
और अक्सर उनके
(do) not
لَا
नहीं वो अक़्ल रखते
use reason
يَعْقِلُونَ
नहीं वो अक़्ल रखते

Ma ja'ala Allahu min baheeratin wala saibatin wala waseelatin wala hamin walakinna allatheena kafaroo yaftaroona 'ala Allahi alkathiba waaktharuhum la ya'qiloona (al-Māʾidah 5:103)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह ने न कोई 'बहीरा' ठहराया है और न 'सायबा' और न 'वसीला' और न 'हाम', परन्तु इनकार करनेवाले अल्लाह पर झूठ का आरोपण करते है और उनमें अधिकतर बुद्धि से काम नहीं लेते

English Sahih:

Allah has not appointed [such innovations as] bahirah or sa’ibah or wasilah or ham. But those who disbelieve invent falsehood about Allah, and most of them do not reason. ([5] Al-Ma'idah : 103)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर (जब बरदाश्त न हो सका तो) उसके मुन्किर हो गए ख़ुदा ने न तो कोई बहीरा (कान फटी ऊँटनी) मुक़र्रर किया है न सायवा (साँढ़) न वसीला (जुडवा बच्चे) न हाम (बुढ़ा साँढ़) मुक़र्रर किया है मगर कुफ्फ़ार ख़ुदा पर ख्वाह मा ख्वाह झूठ (मूठ) बोहतान बाँधते हैं और उनमें के अक्सर नहीं समझते