۞ قَالَ قَرِيْنُهٗ رَبَّنَا مَآ اَطْغَيْتُهٗ وَلٰكِنْ كَانَ فِيْ ضَلٰلٍۢ بَعِيْدٍ ( ق: ٢٧ )
Will say
قَالَ
कहेगा
his companion
قَرِينُهُۥ
साथी (शैतान) उसका
"Our Lord
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
not
مَآ
नहीं
I made him transgress
أَطْغَيْتُهُۥ
सरकश बनाया मैं ने उसे
but
وَلَٰكِن
और लेकिन
he was
كَانَ
था वो
in
فِى
गुमराही में
error
ضَلَٰلٍۭ
गुमराही में
far"
بَعِيدٍ
बहुत दूर की
Qala qareenuhu rabbana ma atghaytuhu walakin kana fee dalalin ba'eedin (Q̈āf 50:27)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसका साथी बोला, 'ऐ हमारे रब! मैंने उसे सरकश नहीं बनाया, बल्कि वह स्वयं ही परले दरजे की गुमराही में था।'
English Sahih:
His [devil] companion will say, "Our Lord, I did not make him transgress, but he [himself] was in extreme error." ([50] Qaf : 27)