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وَلَقَدْ يَسَّرْنَا الْقُرْاٰنَ لِلذِّكْرِ فَهَلْ مِنْ مُّدَّكِرٍ   ( القمر: ١٧ )

And certainly
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
We have made easy
يَسَّرْنَا
आसान कर दिया हमने
the Quran
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरान को
for remembrance
لِلذِّكْرِ
नसीहत के लिए
so is (there)
فَهَلْ
तो क्या है
any
مِن
कोई नसीहत पकड़ने वाला
who will receive admonition?
مُّدَّكِرٍ
कोई नसीहत पकड़ने वाला

Walaqad yassarna alqurana lilththikri fahal min muddakirin (al-Q̈amar 54:17)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और हमने क़ुरआन को नसीहत के लिए अनुकूल और सहज बना दिया है। फिर क्या है कोई नसीहत करनेवाला?

English Sahih:

And We have certainly made the Quran easy for remembrance, so is there any who will remember? ([54] Al-Qamar : 17)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने तो क़ुरान को नसीहत हासिल करने के वास्ते आसान कर दिया है तो कोई है जो नसीहत हासिल करे