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هُوَ الَّذِيْٓ اَخْرَجَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ مِنْ دِيَارِهِمْ لِاَوَّلِ الْحَشْرِۗ مَا ظَنَنْتُمْ اَنْ يَّخْرُجُوْا وَظَنُّوْٓا اَنَّهُمْ مَّانِعَتُهُمْ حُصُوْنُهُمْ مِّنَ اللّٰهِ فَاَتٰىهُمُ اللّٰهُ مِنْ حَيْثُ لَمْ يَحْتَسِبُوْا وَقَذَفَ فِيْ قُلُوْبِهِمُ الرُّعْبَ يُخْرِبُوْنَ بُيُوْتَهُمْ بِاَيْدِيْهِمْ وَاَيْدِى الْمُؤْمِنِيْنَۙ فَاعْتَبِرُوْا يٰٓاُولِى الْاَبْصَارِ   ( الحشر: ٢ )

He
هُوَ
वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِىٓ
जिसने
expelled
أَخْرَجَ
निकाल दिया
those who
ٱلَّذِينَ
उन लोगों को जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
from
مِنْ
एहले किताब में से
(the) People
أَهْلِ
एहले किताब में से
(of) the Scripture
ٱلْكِتَٰبِ
एहले किताब में से
from
مِن
उनके घरों से
their homes
دِيَٰرِهِمْ
उनके घरों से
at (the) first
لِأَوَّلِ
पहले हशर /इकट्ठ में
gathering
ٱلْحَشْرِۚ
पहले हशर /इकट्ठ में
Not
مَا
नहीं
you think
ظَنَنتُمْ
गुमान किया तुमने
that
أَن
कि
they would leave
يَخْرُجُوا۟ۖ
वो निकल जाऐंगे
and they thought
وَظَنُّوٓا۟
और वो समझ रहे थे
that [they]
أَنَّهُم
कि बेशक वो
would defend them
مَّانِعَتُهُمْ
बचाने वाले हैं उन्हें
their fortresses
حُصُونُهُم
क़िले उनके
against
مِّنَ
अल्लाह से
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह से
But came to them
فَأَتَىٰهُمُ
पस आया उनके पास
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
from
مِنْ
जहाँ से
where
حَيْثُ
जहाँ से
not
لَمْ
नहीं
they expected
يَحْتَسِبُوا۟ۖ
उन्होंने गुमान किया
and He cast
وَقَذَفَ
और उसने डाल दिया
into
فِى
उनके दिलों में
their hearts
قُلُوبِهِمُ
उनके दिलों में
[the] terror
ٱلرُّعْبَۚ
रोब
they destroyed
يُخْرِبُونَ
वो बरबाद कर रहे थे
their houses
بُيُوتَهُم
अपने घरों को
with their hands
بِأَيْدِيهِمْ
अपने हाथों से
and the hands
وَأَيْدِى
और हाथों से
(of) the believers
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों के
So take a lesson
فَٱعْتَبِرُوا۟
पस इब्रत पकड़ो
O those endowed
يَٰٓأُو۟لِى
ऐ आँखों वालो
(with) insight
ٱلْأَبْصَٰرِ
ऐ आँखों वालो

Huwa allathee akhraja allatheena kafaroo min ahli alkitabi min diyarihim liawwali alhashri ma thanantum an yakhrujoo wathannoo annahum mani'atuhum husoonuhum mina Allahi faatahumu Allahu min haythu lam yahtasiboo waqathafa fee quloobihimu alrru'ba yukhriboona buyootahum biaydeehim waaydee almumineena fai'tabiroo ya olee alabsari (al-Ḥašr 59:2)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वही है जिसने किताबवालों में से उन लोगों को जिन्होंने इनकार किया, उनके घरों से पहले ही जमावड़े में निकल बाहर किया। तुम्हें गुमान न था कि उनकी गढ़ियाँ अल्लाह से उन्हें बचा लेंगी। किन्तु अल्लाह उनपर वहाँ से आया जिसका उन्हें गुमान भी न था। और उसने उनके दिलों में रोब डाल दिया कि वे अपने घरों को स्वयं अपने हाथों और ईमानवालों के हाथों भी उजाड़ने लगे। अतः शिक्षा ग्रहण करो, ऐ दृष्टि रखनेवालो!

English Sahih:

It is He who expelled the ones who disbelieved among the People of the Scripture from their homes at the first gathering. You did not think they would leave, and they thought that their fortresses would protect them from Allah; but [the decree of] Allah came upon them from where they had not expected, and He cast terror into their hearts [so] they destroyed their houses by their [own] hands and the hands of the believers. So take warning, O people of vision. ([59] Al-Hashr : 2)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वही तो है जिसने कुफ्फ़ार अहले किताब (बनी नुजैर) को पहले हश्र (ज़िलाए वतन) में उनके घरों से निकाल बाहर किया (मुसलमानों) तुमको तो ये वहम भी न था कि वह निकल जाएँगे और वह लोग ये समझे हुये थे कि उनके क़िले उनको ख़ुदा (के अज़ाब) से बचा लेंगे मगर जहाँ से उनको ख्याल भी न था ख़ुदा ने उनको आ लिया और उनके दिलों में (मुसलमानों) को रौब डाल दिया कि वह लोग ख़ुद अपने हाथों से और मोमिनीन के हाथों से अपने घरों को उजाड़ने लगे तो ऐ ऑंख वालों इबरत हासिल करो