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قُلْ اَرَءَيْتَكُمْ اِنْ اَتٰىكُمْ عَذَابُ اللّٰهِ اَوْ اَتَتْكُمُ السَّاعَةُ اَغَيْرَ اللّٰهِ تَدْعُوْنَۚ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ   ( الأنعام: ٤٠ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"Have you seen
أَرَءَيْتَكُمْ
क्या ग़ौर किया तुमने
if
إِنْ
अगर
(there) came to you
أَتَىٰكُمْ
आ जाए तुम्हारे पास
punishment
عَذَابُ
अज़ाब
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
or
أَوْ
या
(there) came to you
أَتَتْكُمُ
आ जाए तुम्हारे पास
the Hour
ٱلسَّاعَةُ
घड़ी (क़यामत की)
is it other
أَغَيْرَ
क्या ग़ैर
(than) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह को
you call
تَدْعُونَ
तुम पुकारोगे
if
إِن
अगर
you are
كُنتُمْ
हो तुम
truthful?"
صَٰدِقِينَ
सच्चे

Qul araaytakum in atakum 'athabu Allahi aw atatkumu alssa'atu aghayra Allahi tad'oona in kuntum sadiqeena (al-ʾAnʿām 6:40)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो, 'क्या तुमने यह भी सोचा कि यदि तुमपर अल्लाह की यातना आ पड़े या वह घड़ी तुम्हारे सामने आ जाए, तो क्या अल्लाह के सिवा किसी और को पुकारोगे? बोलो, यदि तुम सच्चे हो?

English Sahih:

Say, "Have you considered: if there came to you the punishment of Allah or there came to you the Hour – is it other than Allah you would invoke, if you should be truthful?" ([6] Al-An'am : 40)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल उनसे) पूछो तो कि क्या तुम यह समझते हो कि अगर तुम्हारे सामने ख़ुदा का अज़ाब आ जाए या तुम्हारे सामने क़यामत ही आ खड़ी मौजूद हो तो तुम अगर (अपने दावे में) सच्चे हो तो (बताओ कि मदद के वास्ते) क्या ख़ुदा को छोड़कर दूसरे को पुकारोगे