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وَقَالُوْا لَوْلَآ اُنْزِلَ عَلَيْهِ مَلَكٌ ۗوَلَوْ اَنْزَلْنَا مَلَكًا لَّقُضِيَ الْاَمْرُ ثُمَّ لَا يُنْظَرُوْنَ   ( الأنعام: ٨ )

And they said
وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
"Why has not been
لَوْلَآ
क्यों नहीं
sent down
أُنزِلَ
उतारा गया
to him
عَلَيْهِ
उस पर
an Angel?"
مَلَكٌۖ
कोई फ़रिश्ता
And if
وَلَوْ
और अगर
We (had) sent down
أَنزَلْنَا
उतारते हम
an Angel
مَلَكًا
कोई फ़रिश्ता
surely (would) have been decided
لَّقُضِىَ
अलबत्ता फ़ैसला कर दिया जाता
the matter
ٱلْأَمْرُ
मामले का
then
ثُمَّ
फिर
no
لَا
ना वो मोहलत दिए जाते
respite would have been granted to them
يُنظَرُونَ
ना वो मोहलत दिए जाते

Waqaloo lawla onzila 'alayhi malakun walaw anzalna malakan laqudiya alamru thumma la yuntharoona (al-ʾAnʿām 6:8)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनका तो कहना है, 'इस (नबी) पर कोई फ़रिश्ता (खुले रूप में) क्यों नहीं उतारा गया?' हालाँकि यदि हम फ़रिश्ता उतारते तो फ़ैसला हो चुका होता। फिर उन्हें कोई मुहल्लत न मिलती

English Sahih:

And they say, "Why was there not sent down to him an angel?" But if We had sent down an angel, the matter would have been decided; then they would not be reprieved. ([6] Al-An'am : 8)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ये भी) कहते कि उस (नबी) पर कोई फरिश्ता क्यों नहीं नाज़िल किया गया (जो साथ साथ रहता) हालॉकि अगर हम फरिश्ता भेज देते तो (उनका) काम ही तमाम हो जाता (और) फिर उन्हें मोहलत भी न दी जाती