ऐ ईमान लानेवालो, तुम्हारी पत्नियों और तुम्हारी सन्तान में से कुछ ऐसे भी है जो तुम्हारे शत्रु है। अतः उनसे होशियार रहो। और यदि तुम माफ़ कर दो और टाल जाओ और क्षमा कर दो निश्चय ही अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
English Sahih:
O you who have believed, indeed, among your spouses and your children are enemies to you, so beware of them. But if you pardon and overlook and forgive – then indeed, Allah is Forgiving and Merciful. ([64] At-Taghabun : 14)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ऐ ईमानदारों तुम्हारी बीवियों और तुम्हारी औलाद में से बाज़ तुम्हारे दुशमन हैं तो तुम उनसे बचे रहो और अगर तुम माफ कर दो दरगुज़र करो और बख्श दो तो ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
2 Azizul-Haqq Al-Umary
हे लोगो जो ईमान लाये हो! वास्तव में, तुम्हारी कुछ पत्नियाँ तथा संतान तुम्हारी शत्रु[1] हैं। अतः, उनसे सावधान रहो और यदि तुम क्षमा से काम लो तथा सुधार करो और क्षमा कर दो, तो वास्तव में अल्लाह अति क्षमाशील, दयावान् है।