Skip to main content

يَوْمَ يَجْمَعُكُمْ لِيَوْمِ الْجَمْعِ ذٰلِكَ يَوْمُ التَّغَابُنِۗ وَمَنْ يُّؤْمِنْۢ بِاللّٰهِ وَيَعْمَلْ صَالِحًا يُّكَفِّرْ عَنْهُ سَيِّاٰتِهٖ وَيُدْخِلْهُ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًاۗ ذٰلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِيْمُ   ( التغابن: ٩ )

(The) Day
يَوْمَ
जिस दिन
He will assemble you
يَجْمَعُكُمْ
वो जमा करेगा तुम्हें
for (the) Day
لِيَوْمِ
जमा होने के दिन के लिए
(of) the Assembly
ٱلْجَمْعِۖ
जमा होने के दिन के लिए
that
ذَٰلِكَ
ये
(will be the) Day
يَوْمُ
दिन होगा
(of) mutual loss and gain
ٱلتَّغَابُنِۗ
हार जीत का
And whoever
وَمَن
और जो कोई
believes
يُؤْمِنۢ
ईमान लाएगा
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and does
وَيَعْمَلْ
और वो अमल करेगा
righteousness
صَٰلِحًا
नेक
He will remove
يُكَفِّرْ
वो दूर कर देगा
from him
عَنْهُ
उससे
his misdeeds
سَيِّـَٔاتِهِۦ
बुराइयाँ उसकी
and He will admit him
وَيُدْخِلْهُ
और वो दाख़िल करेगा उसे
(to) Gardens
جَنَّٰتٍ
बाग़ात में
flow
تَجْرِى
बहती हैं
from
مِن
उनके नीचे से
underneath it
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
the rivers
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
abiding
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
therein
فِيهَآ
उनमें
forever
أَبَدًاۚ
हमेशा-हमेशा
That
ذَٰلِكَ
यही
(is) the success
ٱلْفَوْزُ
कामयाबी है
the great
ٱلْعَظِيمُ
बहुत बड़ी

Yawma yajma'ukum liyawmi aljam'i thalika yawmu alttaghabuni waman yumin biAllahi waya'mal salihan yukaffir 'anhu sayyiatihi wayudkhilhu jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha abadan thalika alfawzu al'atheemu (at-Taghābun 64:9)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

इकट्ठा होने के दिन वह तुम्हें इकट्ठा करेगा, वह परस्पर लाभ-हानि का दिन होगा। जो भी अल्लाह पर ईमान लाए और अच्छा कर्म करे उसकी बुराईयाँ अल्लाह उससे दूर कर देगा और उसे ऐसे बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी, उनमें वे सदैव रहेंगे। यही बड़ी सफलता है

English Sahih:

The Day He will assemble you for the Day of Assembly – that is the Day of Deprivation. And whoever believes in Allah and does righteousness – He will remove from him his misdeeds and admit him to gardens beneath which rivers flow, wherein they will abide forever. That is the great attainment. ([64] At-Taghabun : 9)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जब वह क़यामत के दिन तुम सबको जमा करेगा फिर यही हार जीत का दिन होगा और जो शख़्श ख़ुदा पर ईमान लाए और अच्छा काम करे वह उससे उसकी बुराइयाँ दूर कर देगा और उसको (बेहिश्त में) उन बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं वह उनमें अबादुल आबाद हमेशा रहेगा, यही तो बड़ी कामयाबी है