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وَجَزٰىهُمْ بِمَا صَبَرُوْا جَنَّةً وَّحَرِيْرًاۙ  ( الانسان: ١٢ )

And will reward them
وَجَزَىٰهُم
और वो बदला देगा उन्हें
because
بِمَا
बवजह उसके जो
they were patient
صَبَرُوا۟
उन्होंने सब्र किया
(with) a Garden
جَنَّةً
जन्नत
and silk
وَحَرِيرًا
और रेशम

Wajazahum bima sabaroo jannatan wahareeran (al-ʾInsān 76:12)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो उन्होंने धैर्य से काम लिया, उसके बदले में उन्हें जन्नत और रेशमी वस्त्र प्रदान किया

English Sahih:

And will reward them for what they patiently endured [with] a garden [in Paradise] and silk [garments]. ([76] Al-Insan : 12)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उनके सब्र के बदले (बेहिश्त के) बाग़ और रेशम (की पोशाक) अता फ़रमाएगा