اِذْ يُوْحِيْ رَبُّكَ اِلَى الْمَلٰۤىِٕكَةِ اَنِّيْ مَعَكُمْ فَثَبِّتُوا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْاۗ سَاُلْقِيْ فِيْ قُلُوْبِ الَّذِيْنَ كَفَرُوا الرُّعْبَ فَاضْرِبُوْا فَوْقَ الْاَعْنَاقِ وَاضْرِبُوْا مِنْهُمْ كُلَّ بَنَانٍۗ ( الأنفال: ١٢ )
Ith yoohee rabbuka ila almalaikati annee ma'akum fathabbitoo allatheena amanoo saolqee fee quloobi allatheena kafaroo alrru'ba faidriboo fawqa ala'naqi waidriboo minhum kulla bananin (al-ʾAnfāl 8:12)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
याद करो जब तुम्हारा रब फ़रिश्तों की ओर प्रकाशना (वह्य्) कर रहा था कि 'मैं तुम्हारे साथ हूँ। अतः तुम ईमानवालों को जमाए रखो। मैं इनकार करनेवालों के दिलों में रोब डाले देता हूँ। तो तुम उनकी गरदनें मारो और उनके पोर-पोर पर चोट लगाओ!'
English Sahih:
[Remember] when your Lord inspired to the angels, "I am with you, so strengthen those who have believed. I will cast terror into the hearts of those who disbelieved, so strike [them] upon the necks and strike from them every fingertip." ([8] Al-Anfal : 12)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल ये वह वक्त था) जब तुम्हारा परवरदिगार फ़रिश्तों से फरमा रहा था कि मै यकीनन तुम्हारे साथ हूँ तुम ईमानदारों को साबित क़दम रखो मै बहुत जल्द काफिरों के दिलों में (तुम्हारा रौब) डाल दूँगा (पस फिर क्या है अब) तो उन कुफ्फार की गर्दनों पर मारो और उनकी पोर पोर को चटिया कर दो