فَلَمْ تَقْتُلُوْهُمْ وَلٰكِنَّ اللّٰهَ قَتَلَهُمْۖ وَمَا رَمَيْتَ اِذْ رَمَيْتَ وَلٰكِنَّ اللّٰهَ رَمٰىۚ وَلِيُبْلِيَ الْمُؤْمِنِيْنَ مِنْهُ بَلَاۤءً حَسَنًاۗ اِنَّ اللّٰهَ سَمِيْعٌ عَلِيْمٌ ( الأنفال: ١٧ )
Falam taqtuloohum walakinna Allaha qatalahum wama ramayta ith ramayta walakinna Allaha rama waliyubliya almumineena minhu balaan hasanan inna Allaha samee'un 'aleemun (al-ʾAnfāl 8:17)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुमने उसे क़त्ल नहीं किया बल्कि अल्लाह ही ने उन्हें क़त्ल किया और जब तुमने (उनकी ओर मिट्टी और कंकड़) फेंक, तो तुमने नहीं फेंका बल्कि अल्लाह ने फेंका (कि अल्लाह अपनी गुण-गरिमा दिखाए) और ताकि अपनी ओर से ईमानवालों के गुण प्रकट करे। निस्संदेह अल्लाह सुनता, जानता है
English Sahih:
And you did not kill them, but it was Allah who killed them. And you threw not, [O Muhammad], when you threw, but it was Allah who threw that He might test the believers with a good test. Indeed, Allah is Hearing and Knowing. ([8] Al-Anfal : 17)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (मुसलमानों) उन कुफ्फ़ार को कुछ तुमने तो क़त्ल किया नही बल्कि उनको तो ख़ुदा ने क़त्ल किया और (ऐ रसूल) जब तुमने तीर मारा तो कुछ तुमने नही मारा बल्कि ख़ुदा ख़ुदा ने तीर मारा और ताकि अपनी तरफ से मोमिनीन पर खूब एहसान करे बेशक ख़ुदा (सबकी) सुनता और (सब कुछ) जानता है