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يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اَطِيْعُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ وَلَا تَوَلَّوْا عَنْهُ وَاَنْتُمْ تَسْمَعُوْنَ  ( الأنفال: ٢٠ )

O you!
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who!
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe!
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए हो
Obey
أَطِيعُوا۟
इताअत करो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and His Messenger
وَرَسُولَهُۥ
और उसके रसूल की
And (do) not
وَلَا
और ना
turn away
تَوَلَّوْا۟
तुम मुँह फेरो
from him
عَنْهُ
उससे
while you
وَأَنتُمْ
जब कि तुम
hear
تَسْمَعُونَ
तुम सुन रहे हो

Ya ayyuha allatheena amanoo atee'oo Allaha warasoolahu wala tawallaw 'anhu waantum tasma'oona (al-ʾAnfāl 8:20)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह और उसके रसूल का आज्ञापालन करो और उससे मुँह न फेरो जबकि तुम सुन रहे हो

English Sahih:

O you who have believed, obey Allah and His Messenger and do not turn from him while you hear [his order]. ([8] Al-Anfal : 20)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ ईमानदारों खुदा और उसके रसूल की इताअत करो और उससे मुँह न मोड़ो जब तुम समझ रहे हो