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الَّذِيْنَ يُقِيْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَمِمَّا رَزَقْنٰهُمْ يُنْفِقُوْنَۗ   ( الأنفال: ٣ )

Those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
establish
يُقِيمُونَ
क़ायम करते हैं
the prayer
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
and out of what
وَمِمَّا
और उसमें से जो
We have provided them
رَزَقْنَٰهُمْ
रिज़्क़ दिया हमने उन्हें
they spend
يُنفِقُونَ
वो ख़र्च करते हैं

Allatheena yuqeemoona alssalata wamimma razaqnahum yunfiqoona (al-ʾAnfāl 8:3)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ये वे लोग हैं जो नमाज़ क़ायम करते है और जो कुछ हमने दिया है उसमें से ख़र्च करते हैं

English Sahih:

The ones who establish prayer, and from what We have provided them, they spend. ([8] Al-Anfal : 3)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

नमाज़ को पाबन्दी से अदा करते हैं और जो हम ने उन्हें दिया हैं उसमें से (राहे ख़ुदा में) ख़र्च करते हैं