لَوْلَاكِتٰبٌ مِّنَ اللّٰهِ سَبَقَ لَمَسَّكُمْ فِيْمَآ اَخَذْتُمْ عَذَابٌ عَظِيْمٌ ( الأنفال: ٦٨ )
Had not
لَّوْلَا
अगर ना होता
an ordainment
كِتَٰبٌ
लिखा हुआ
from
مِّنَ
अल्लाह की तरफ़ से
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
preceded
سَبَقَ
जो गुज़र चुका है
surely (would) have touched you
لَمَسَّكُمْ
अलबत्ता पहुँचता तुम्हें
for what
فِيمَآ
उसके (बदले) में जो
you took
أَخَذْتُمْ
लिया तुमने
a punishment
عَذَابٌ
अज़ाब
great
عَظِيمٌ
बहुत बड़ा
Lawla kitabun mina Allahi sabaqa lamassakum feema akhathtum 'athabun 'atheemun (al-ʾAnfāl 8:68)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि अल्लाह का लिखा पहले से मौजूद न होता, तो जो कुछ नीति तुमने अपनाई है उसपर तुम्हें कोई बड़ी यातना आ लेती
English Sahih:
If not for a decree from Allah that preceded, you would have been touched for what you took by a great punishment. ([8] Al-Anfal : 68)