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اَلَا تُقَاتِلُوْنَ قَوْمًا نَّكَثُوْٓا اَيْمَانَهُمْ وَهَمُّوْا بِاِخْرَاجِ الرَّسُوْلِ وَهُمْ بَدَءُوْكُمْ اَوَّلَ مَرَّةٍۗ اَتَخْشَوْنَهُمْ ۚفَاللّٰهُ اَحَقُّ اَنْ تَخْشَوْهُ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِيْنَ   ( التوبة: ١٣ )

Will not
أَلَا
क्या नहीं
you fight
تُقَٰتِلُونَ
तुम जंग करोगे
a people
قَوْمًا
ऐसी क़ौम से
who broke
نَّكَثُوٓا۟
जिन्होंने तोड़ दीं
their oaths
أَيْمَٰنَهُمْ
अपनी क़समें
and determined
وَهَمُّوا۟
और उन्होंने इरादा किया
to drive out
بِإِخْرَاجِ
निकालने का
the Messenger
ٱلرَّسُولِ
रसूल को
and they
وَهُم
हालाँकि वो
began (to attack) you
بَدَءُوكُمْ
उन्होंने इब्तिदा की थी तुमसे
first
أَوَّلَ
पहली मर्तबा
time?
مَرَّةٍۚ
पहली मर्तबा
Do you fear them?
أَتَخْشَوْنَهُمْۚ
क्या तुम डरते हो उनसे
But Allah
فَٱللَّهُ
तो अल्लाह
(has) more right
أَحَقُّ
ज़्यादा हक़दार है
that
أَن
कि
you should fear Him
تَخْشَوْهُ
तुम डरो उससे
if
إِن
अगर
you are
كُنتُم
हो तुम
believers
مُّؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले

Ala tuqatiloona qawman nakathoo aymanahum wahammoo biikhraji alrrasooli wahum badaookum awwala marratin atakhshawnahum faAllahu ahaqqu an takhshawhu in kuntum mumineena (at-Tawbah 9:13)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या तुम ऐसॆ लॊगॊं सॆ नहीं लड़ॊगॆ जिन्हॊंनॆ अपनी क़समों को तोड़ डालीं और रसूल को निकाल देना चाहा और वही हैं जिन्होंने तुमसे छेड़ में पहल की? क्या तुम उनसे डरते हो? यदि तुम मोमिन हो तो इसका ज़्यादा हक़दार अल्लाह है कि तुम उससे डरो

English Sahih:

Would you not fight against a people who broke their oaths and determined to expel the Messenger, and they had begun [the attack upon] you the first time? Do you fear them? But Allah has more right that you should fear Him, if you are [truly] believers. ([9] At-Tawbah : 13)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(मुसलमानों) भला तुम उन लोगों से क्यों नहीं लड़ते जिन्होंने अपनी क़समों को तोड़ डाला और रसूल को निकाल बाहर करना (अपने दिल में) ठान लिया था और तुमसे पहले छेड़ भी उन्होनें ही शुरू की थी क्या तुम उनसे डरते हो तो अगर तुम सच्चे ईमानदार हो तो ख़ुदा उनसे कहीं बढ़ कर तुम्हारे डरने के क़ाबिल है