قَاتِلُوْهُمْ يُعَذِّبْهُمُ اللّٰهُ بِاَيْدِيْكُمْ وَيُخْزِهِمْ وَيَنْصُرْكُمْ عَلَيْهِمْ وَيَشْفِ صُدُوْرَ قَوْمٍ مُّؤْمِنِيْنَۙ ( التوبة: ١٤ )
Fight them
قَٰتِلُوهُمْ
जंग करो उनसे
Allah will punish them
يُعَذِّبْهُمُ
अज़ाब देगा उन्हें
Allah will punish them
ٱللَّهُ
अल्लाह
by your hands
بِأَيْدِيكُمْ
तुम्हारे लिए
and disgrace them
وَيُخْزِهِمْ
और वो रुस्वा करेगा उन्हें
and give you victory
وَيَنصُرْكُمْ
और वो मदद करेगा तुम्हारी
over them
عَلَيْهِمْ
उनके ख़िलाफ़
and will heal
وَيَشْفِ
और वो शिफ़ा बख़्शेगा
(the) breasts
صُدُورَ
सीनों को
(of) a people
قَوْمٍ
मोमिन क़ौम के
(who are) believers
مُّؤْمِنِينَ
मोमिन क़ौम के
Qatiloohum yu'aththibhumu Allahu biaydeekum wayukhzihim wayansurkum 'alayhim wayashfi sudoora qawmin mumineena (at-Tawbah 9:14)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उनसे लड़ो। अल्लाह तुम्हारे हाथों से उन्हें यातना देगा और उन्हें अपमानित करेगा और उनके मुक़ाबले में वह तुम्हारी सहायता करेगा। और ईमानवाले लोगों के दिलों का दुखमोचन करेगा;
English Sahih:
Fight them; Allah will punish them by your hands and will disgrace them and give you victory over them and satisfy the breasts [i.e., desires] of a believing people ([9] At-Tawbah : 14)