اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً لِّمَنْ خَافَ عَذَابَ الْاٰخِرَةِ ۗذٰلِكَ يَوْمٌ مَّجْمُوْعٌۙ لَّهُ النَّاسُ وَذٰلِكَ يَوْمٌ مَّشْهُوْدٌ ( هود: ١٠٣ )
Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
उसमें
that
ذَٰلِكَ
उसमें
(is) surely a Sign
لَءَايَةً
अलबत्ता एक निशानी है
for (those) who
لِّمَنْ
उसके लिए जो
fear
خَافَ
डरे
(the) punishment
عَذَابَ
अज़ाब से
(of) the Hereafter
ٱلْءَاخِرَةِۚ
आख़िरत के
That
ذَٰلِكَ
ये है
(is) a Day
يَوْمٌ
दिन
(will) be gathered
مَّجْمُوعٌ
जमा किए जाऐंगे
on it
لَّهُ
उसके लिए
the mankind
ٱلنَّاسُ
लोग
and that
وَذَٰلِكَ
और ये है
(is) a Day
يَوْمٌ
दिन
witnessed
مَّشْهُودٌ
हाज़िरी का
Inna fee thalika laayatan liman khafa 'athaba alakhirati thalika yawmun majmoo'un lahu alnnasu wathalika yawmun mashhoodun (Hūd 11:103)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
निश्चय ही इसमें उस व्यक्ति के लिए एक निशानी है जो आख़िरत की यातना से डरता हो। वह एक ऐसा दिन होगा, जिसमें सारे ही लोग एकत्र किए जाएँगे और वह एक ऐसा दिन होगा, जिसमें सब कुछ आँखों के सामने होगा,
English Sahih:
Indeed in that is a sign for those who fear the punishment of the Hereafter. That is a Day for which the people will be collected, and that is a Day [which will be] witnessed. ([11] Hud : 103)