قَالَ يٰنُوْحُ اِنَّهٗ لَيْسَ مِنْ اَهْلِكَ ۚاِنَّهٗ عَمَلٌ غَيْرُ صَالِحٍ فَلَا تَسْـَٔلْنِ مَا لَيْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ ۗاِنِّيْٓ اَعِظُكَ اَنْ تَكُوْنَ مِنَ الْجٰهِلِيْنَ ( هود: ٤٦ )
Qala ya noohu innahu laysa min ahlika innahu 'amalun ghayru salihin fala tasalni ma laysa laka bihi 'ilmun innee a'ithuka an takoona mina aljahileena (Hūd 11:46)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहा, 'ऐ नूह! वह तेरे घरवालों में से नहीं, वह तो सर्वथा एक बिगड़ा काम है। अतः जिसका तुझे ज्ञान नहीं, उसके विषय में मुझसे न पूछ, तेरे नादान हो जाने की आशंका से मैं तुझे नसीहत करता हूँ।'
English Sahih:
He said, "O Noah, indeed he is not of your family; indeed, he is [one whose] work was other than righteous, so ask Me not for that about which you have no knowledge. Indeed, I advise you, lest you be among the ignorant." ([11] Hud : 46)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(तू मेरे बेटे को नजात दे) ख़ुदा ने फरमाया ऐ नूह तुम (ये क्या कह रहे हो) हरगिज़ वह तुम्हारे अहल में शामिल नहीं वह बेशक बदचलन है (देखो जिसका तुम्हें इल्म नहीं है मुझसे उसके बारे में (दरख्वास्त न किया करो और नादानों की सी बातें न करो) नूह ने अर्ज़ की ऐ मेरे परवरदिगार मै तुझ ही से पनाह मागँता हूँ कि जिस चीज़ का मुझे इल्म न हो मै उसकी दरख्वास्त करुँ