اَلَآ اِنَّهُمْ يَثْنُوْنَ صُدُوْرَهُمْ لِيَسْتَخْفُوْا مِنْهُۗ اَلَا حِيْنَ يَسْتَغْشُوْنَ ثِيَابَهُمْ ۙيَعْلَمُ مَا يُسِرُّوْنَ وَمَا يُعْلِنُوْنَۚ اِنَّهٗ عَلِيْمٌ ۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۔ ( هود: ٥ )
Ala innahum yathnoona sudoorahum liyastakhfoo minhu ala heena yastaghshoona thiyabahum ya'lamu ma yusirroona wama yu'linoona innahu 'aleemun bithati alssudoori (Hūd 11:5)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
देखो! ये अपने सीनों को मोड़ते है, चाहिए कि उससे छिपें। देखों! जब ये अपने कपड़ों से स्वयं को ढाँकते है, वह जानता है जो कुछ वे छिपाते है और जो कुछ वे प्रकट करते है। निस्संदेह वह सीनों तक की बात को जानता है
English Sahih:
Unquestionably, they [i.e., the disbelievers] turn away their breasts to hide themselves from him. Unquestionably, [even] when they cover themselves in their clothing, He [i.e., Allah] knows what they conceal and what they declare. Indeed, He is Knowing of that within the breasts. ([11] Hud : 5)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) देखो ये कुफ़्फ़ार (तुम्हारी अदावत में) अपने सीनों को (गोया) दोहरा किए डालते हैं ताकि ख़ुदा से (अपनी बातों को) छिपाए रहें (मगर) देखो जब ये लोग अपने कपड़े ख़ूब लपेटते हैं (तब भी तो) ख़ुदा (उनकी बातों को) जानता है जो छिपाकर करते हैं और खुल्लम खुल्ला करते हैं इसमें शक़ नहीं कि वह सीनों के भेद तक को खूब जानता है