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وَتِلْكَ عَادٌ ۖجَحَدُوْا بِاٰيٰتِ رَبِّهِمْ وَعَصَوْا رُسُلَهٗ وَاتَّبَعُوْٓا اَمْرَ كُلِّ جَبَّارٍ عَنِيْدٍ  ( هود: ٥٩ )

And this
وَتِلْكَ
और ये थे
(was) Aad
عَادٌۖ
आद
they rejected
جَحَدُوا۟
उन्होंने इन्कार किया
(the) Signs
بِـَٔايَٰتِ
आयात का
(of) their Lord
رَبِّهِمْ
अपने रब की
and disobeyed
وَعَصَوْا۟
और उन्होंने नाफ़रमानी की
His Messengers
رُسُلَهُۥ
उसके रसूलों की
and followed
وَٱتَّبَعُوٓا۟
और उन्होंने पैरवी की
(the) command
أَمْرَ
हुक्म की
(of) every
كُلِّ
हर
tyrant
جَبَّارٍ
सरकश
obstinate
عَنِيدٍ
ज़िद्दी की

Watilka 'adun jahadoo biayati rabbihim wa'asaw rusulahu waittaba'oo amra kulli jabbarin 'aneedin (Hūd 11:59)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ये आद है, जिन्होंने अपने रब की आयतों का इनकार किया; उसके रसूलों की अवज्ञा की और हर सरकश विरोधी के पीछे चलते रहे

English Sahih:

And that was Aad, who rejected the signs of their Lord and disobeyed His messengers and followed the order of every obstinate tyrant. ([11] Hud : 59)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) ये हालात क़ौमे आद के हैं जिन्होंने अपने परवरदिगार की आयतों से इन्कार किया और उसके पैग़म्बरों की नाफ़रमानी की और हर सरकश (दुश्मने ख़ुदा) के हुक्म पर चलते रहें