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كَاَنْ لَّمْ يَغْنَوْا فِيْهَا ۗ اَلَآ اِنَّ ثَمُوْدَا۠ كَفَرُوْا رَبَّهُمْ ۗ اَلَا بُعْدًا لِّثَمُوْدَ ࣖ   ( هود: ٦٨ )

As if
كَأَن
गोया कि
not
لَّمْ
नहीं
they (had) prospered
يَغْنَوْا۟
वो बसे थे
therein
فِيهَآۗ
उसमें
No doubt
أَلَآ
ख़बरदार
indeed
إِنَّ
बेशक
Thamud
ثَمُودَا۟
समूद ने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
(in) their Lord
رَبَّهُمْۗ
अपने रब से
so
أَلَا
ख़बरदार
away
بُعْدًا
दूरी है
with Thamud
لِّثَمُودَ
समूद के लिए

Kaan lam yaghnaw feeha ala inna thamooda kafaroo rabbahum ala bu'dan lithamooda (Hūd 11:68)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

मानो वे वहाँ कभी बसे ही न थे। 'सुनो! समूद ने अपने रब के साथ कुफ़्र किया। सुन लो! फिटकार हो समूद पर!'

English Sahih:

As if they had never prospered therein. Unquestionably, Thamud denied their Lord; then, away with Thamud. ([11] Hud : 68)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ऐसे मर मिटे कि गोया उनमें कभी बसे ही न थे तो देखो क़ौमे समूद ने अपने परवरदिगार की नाफरमानी की और (सज़ा दी गई) सुन रखो कि क़ौमे समूद (उसकी बारगाह से) धुत्कारी हुईहै