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وَمَا تَسْـَٔلُهُمْ عَلَيْهِ مِنْ اَجْرٍۗ اِنْ هُوَ اِلَّا ذِكْرٌ لِّلْعٰلَمِيْنَ ࣖ  ( يوسف: ١٠٤ )

And not
وَمَا
और नहीं
you ask them
تَسْـَٔلُهُمْ
आप सवाल करते उनसे
for it
عَلَيْهِ
इस पर
any
مِنْ
किसी अजर का
reward
أَجْرٍۚ
किसी अजर का
Not
إِنْ
नहीं है
(is) it
هُوَ
वो
but
إِلَّا
मगर
a reminder
ذِكْرٌ
एक ज़िक्र
to the worlds
لِّلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहान वालों के लिए

Wama tasaluhum 'alayhi min ajrin in huwa illa thikrun lil'alameena (Yūsuf 12:104)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम उनसे इसका कोई बदला भी नहीं माँगते। यह तो सारे संसार के लिए बस एक अनुस्मरण है

English Sahih:

And you do not ask of them for it any payment. It is not except a reminder to the worlds. ([12] Yusuf : 104)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

हालॉकि तुम उनसे (तबलीगे रिसालत का) कोई सिला नहीं मॉगते और ये (क़ुरान) तो सारे जहाँन के वास्ते नसीहत (ही नसीहत) है