وَاسْتَبَقَا الْبَابَ وَقَدَّتْ قَمِيْصَهٗ مِنْ دُبُرٍ وَّاَلْفَيَا سَيِّدَهَا لَدَا الْبَابِۗ قَالَتْ مَا جَزَاۤءُ مَنْ اَرَادَ بِاَهْلِكَ سُوْۤءًا اِلَّآ اَنْ يُّسْجَنَ اَوْ عَذَابٌ اَلِيْمٌ ( يوسف: ٢٥ )
Waistabaqa albaba waqaddat qameesahu min duburin waalfaya sayyidaha lada albabi qalat ma jazao man arada biahlika sooan illa an yusjana aw 'athabun aleemun (Yūsuf 12:25)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे दोनों दरवाज़े की ओर झपटे और उस स्त्री ने उसका कुर्ता पीछे से फाड़ डाला। दरवाज़े पर दोनों ने उस स्त्री के पति को उपस्थित पाया। वह बोली, 'जो कोई तुम्हारी घरवाली के साथ बुरा इरादा करे, उसका बदला इसके सिवा और क्या होगा कि उसे बन्दी बनाया जाए या फिर कोई दुखद यातना दी जाए?'
English Sahih:
And they both raced to the door, and she tore his shirt from the back, and they found her husband at the door. She said, "What is the recompense of one who intended evil for your wife but that he be imprisoned or a painful punishment?" ([12] Yusuf : 25)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और दोनों दरवाजे क़ी तरफ झपट पड़े और ज़ुलेख़ा (ने पीछे से उनका कुर्ता पकड़ कर खीचा और) फाड़ डाला और दोनों ने ज़ुलेखा के ख़ाविन्द को दरवाज़े के पास खड़ा पाया ज़ुलेख़ा झट (अपने शौहर से) कहने लगी कि जो तुम्हारी बीबी के साथ बदकारी का इरादा करे उसकी सज़ा इसके सिवा और कुछ नहीं कि या तो कैद कर दिया जाए