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قَالَ اجْعَلْنِيْ عَلٰى خَزَاۤىِٕنِ الْاَرْضِۚ اِنِّيْ حَفِيْظٌ عَلِيْمٌ  ( يوسف: ٥٥ )

He said
قَالَ
उसने कहा
"Appoint me
ٱجْعَلْنِى
मुक़र्रर कर दीजिए मुझे
over
عَلَىٰ
ख़ज़ानों पर
(the) treasuries
خَزَآئِنِ
ख़ज़ानों पर
(of) the land
ٱلْأَرْضِۖ
ज़मीन के
Indeed I
إِنِّى
बेशक मैं हूँ
(will be) a guardian
حَفِيظٌ
बहुत हिफ़ाज़त करने वाला
knowing"
عَلِيمٌ
ख़ूब इल्म रखने वाला

Qala ij'alnee 'ala khazaini alardi innee hafeethun 'aleemun (Yūsuf 12:55)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'इस भू-भाग के ख़जानों पर मुझे नियुक्त कर दीजिए। निश्चय ही मैं रक्षक और ज्ञानवान हूँ।'

English Sahih:

[Joseph] said, "Appoint me over the storehouses of the land. Indeed, I will be a knowing guardian." ([12] Yusuf : 55)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यूसुफ ने कहा (जब अपने मेरी क़दर की है तो) मुझे मुल्की ख़ज़ानों पर मुक़र्रर कीजिए क्योंकि मैं (उसका) अमानतदार ख़ज़ान्ची (और) उसके हिसाब व किताब से भी वाक़िफ हूँ