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يٰبَنِيَّ اذْهَبُوْا فَتَحَسَّسُوْا مِنْ يُّوْسُفَ وَاَخِيْهِ وَلَا تَا۟يْـَٔسُوْا مِنْ رَّوْحِ اللّٰهِ ۗاِنَّهٗ لَا يَا۟يْـَٔسُ مِنْ رَّوْحِ اللّٰهِ اِلَّا الْقَوْمُ الْكٰفِرُوْنَ  ( يوسف: ٨٧ )

O my sons!
يَٰبَنِىَّ
ऐ मेरे बेटो
Go
ٱذْهَبُوا۟
जाओ
and inquire
فَتَحَسَّسُوا۟
पस सुराग़ लगाओ
about
مِن
यूसुफ़ का
Yusuf
يُوسُفَ
यूसुफ़ का
and his brother
وَأَخِيهِ
और उसके भाई का
and not
وَلَا
और ना
despair
تَا۟يْـَٔسُوا۟
तुम मायूस हो
of
مِن
रहमत से
(the) Mercy of Allah
رَّوْحِ
रहमत से
(the) Mercy of Allah
ٱللَّهِۖ
अल्लाह की
Indeed
إِنَّهُۥ
क्योंकि वो
none
لَا
नहीं मायूस होते
despairs
يَا۟يْـَٔسُ
नहीं मायूस होते
of
مِن
रहमत से
(the) Mercy of Allah
رَّوْحِ
रहमत से
(the) Mercy of Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
except
إِلَّا
मगर
the people
ٱلْقَوْمُ
वो लोग
the disbelievers"
ٱلْكَٰفِرُونَ
जो काफ़िर हैं

Ya baniyya ithhaboo fatahassasoo min yoosufa waakheehi wala tayasoo min rawhi Allahi innahu la yayasu min rawhi Allahi illa alqawmu alkafiroona (Yūsuf 12:87)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ मेरे बेटों! जाओ और यूसुफ़ और उसके भाई की टोह लगाओ और अल्लाह की सदयता से निराश न हो। अल्लाह की सदयता से तो केवल कुफ़्र करनेवाले ही निराश होते है।'

English Sahih:

O my sons, go and find out about Joseph and his brother and despair not of relief from Allah. Indeed, no one despairs of relief from Allah except the disbelieving people." ([12] Yusuf : 87)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ मेरी फरज़न्द (एक बार फिर मिस्र) जाओ और यूसुफ और उसके भाई को (जिस तरह बने) ढूँढ के ले आओ और ख़ुदा की रहमत से ना उम्मीद न हो क्योंकि ख़ुदा की रहमत से काफिर लोगो के सिवा और कोई ना उम्मीद नहीं हुआ करता