اَفَمَنْ هُوَ قَاۤىِٕمٌ عَلٰى كُلِّ نَفْسٍۢ بِمَا كَسَبَتْۚ وَجَعَلُوْا لِلّٰهِ شُرَكَاۤءَ ۗ قُلْ سَمُّوْهُمْۗ اَمْ تُنَبِّـُٔوْنَهٗ بِمَا لَا يَعْلَمُ فِى الْاَرْضِ اَمْ بِظَاهِرٍ مِّنَ الْقَوْلِ ۗبَلْ زُيِّنَ لِلَّذِيْنَ كَفَرُوْا مَكْرُهُمْ وَصُدُّوْا عَنِ السَّبِيْلِ ۗوَمَنْ يُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ هَادٍ ( الرعد: ٣٣ )
Afaman huwa qaimun 'ala kulli nafsin bima kasabat waja'aloo lillahi shurakaa qul sammoohum am tunabbioonahu bima la ya'lamu fee alardi am bithahirin mina alqawli bal zuyyina lillatheena kafaroo makruhum wasuddoo 'ani alssabeeli waman yudlili Allahu fama lahu min hadin (ar-Raʿd 13:33)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
भला वह (अल्लाह) जो प्रत्येक व्यक्ति के सिर पर, उसकी कमाई पर निगाह रखते हुए खड़ा है (उसके समान कोई दूसरा हो सकता है)? फिर भी लोगों ने अल्लाह के सहभागी-ठहरा रखे है। कहो, 'तनिक उनके नाम तो लो! (क्या तुम्हारे पास उनके पक्ष में कोई प्रमाण है?) या ऐसा है कि तुम उसे ऐसी बात की ख़बर दे रहे हो, जिसके अस्तित्व की उसे धरती भर में ख़बर नहीं? या यूँ ही यह एक ऊपरी बात ही बात है?' नहीं, बल्कि इनकार करनेवालों को उनकी मक्कारी ही सुहावनी लगती है और वे मार्ग से रुक गए है। जिसे अल्लाह ही गुमराही में छोड़ दे, उसे कोई मार्ग पर लानेवाला नहीं
English Sahih:
Then is He who is a maintainer of every soul, [knowing] what it has earned, [like any other]? But to Allah they have attributed partners. Say, "Name them. Or do you inform Him of that which He knows not upon the earth or of what is apparent [i.e., alleged] of speech?" Rather, their [own] plan has been made attractive to those who disbelieve, and they have been averted from the way. And whomever Allah sends astray – there will be for him no guide. ([13] Ar-Ra'd : 33)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या जो (ख़ुदा) हर एक शख़्श के आमाल की ख़बर रखता है (उनको युं ही छोड़ देगा हरगिज़ नहीं) और उन लोगों ने ख़ुदा के (दूसरे दूसरे) शरीक ठहराए (ऐ रसूल तुम उनसे कह दो कि तुम आख़िर उनके नाम तो बताओं या तुम ख़ुदा को ऐसे शरीक़ो की ख़बर देते हो जिनको वह जानता तक नहीं कि वह ज़मीन में (किधर बसते) हैं या (निरी ऊपर से बातें बनाते हैं बल्कि (असल ये है कि) काफिरों को उनकी मक्कारियाँ भली दिखाई गई है और वह (गोया) राहे रास्त से रोक दिए गए हैं और जिस शख़्श को ख़ुदा गुमराही में छोड़ दे तो उसका कोई हिदायत करने वाला नहीं