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ۨالَّذِيْنَ يَسْتَحِبُّوْنَ الْحَيٰوةَ الدُّنْيَا عَلَى الْاٰخِرَةِ وَيَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ وَيَبْغُوْنَهَا عِوَجًا ۗ اُولٰۤىِٕكَ فِيْ ضَلٰلٍۢ بَعِيْدٍ  ( ابراهيم: ٣ )

Those who
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
love more
يَسْتَحِبُّونَ
तरजीह देते है
the life
ٱلْحَيَوٰةَ
ज़िन्दगी को
(of) the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
than
عَلَى
आख़िरत पर
the Hereafter
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत पर
and hinder
وَيَصُدُّونَ
और वो रोकते हैं
from
عَن
अल्लाह के रास्ते से
(the) Path
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते से
and seek in it
وَيَبْغُونَهَا
और वो तलाश करते हैं उसमें
crookedness
عِوَجًاۚ
टेढ़ापन
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
[in]
فِى
गुमराही में
(are) far astray
ضَلَٰلٍۭ
गुमराही में
(are) far astray
بَعِيدٍ
दूर की

Allatheena yastahibboona alhayata alddunya 'ala alakhirati wayasuddoona 'an sabeeli Allahi wayabghoonaha 'iwajan olaika fee dalalin ba'eedin (ʾIbrāhīm 14:3)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो आख़िरत की अपेक्षा सांसारिक जीवन को प्राथमिकता देते है और अल्लाह के मार्ग से रोकते है और उसमें टेढ़ पैदा करना चाहते है, वही परले दरजे की गुमराही में पड़े है

English Sahih:

The ones who prefer the worldly life over the Hereafter and avert [people] from the way of Allah, seeking to make it [seem] deviant. Those are in extreme error. ([14] Ibrahim : 3)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वह कुफ्फार जो दुनिया की (चन्द रोज़ा) ज़िन्दगी को आख़िरत पर तरजीह देते हैं और (लोगों) को ख़ुदा की राह (पर चलने) से रोकते हैं और इसमें ख्वाह मा ख्वाह कज़ी पैदा करना चाहते हैं यही लोग बड़े पल्ले दर्जे की गुमराही में हैं