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رَبَّنَآ اِنَّكَ تَعْلَمُ مَا نُخْفِيْ وَمَا نُعْلِنُۗ وَمَا يَخْفٰى عَلَى اللّٰهِ مِنْ شَيْءٍ فِى الْاَرْضِ وَلَا فِى السَّمَاۤءِ  ( ابراهيم: ٣٨ )

Our Lord!
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
Indeed You
إِنَّكَ
बेशक तू
You know
تَعْلَمُ
तू जानता है
what
مَا
जो कुछ
we conceal
نُخْفِى
हम छुपाते हैं
and what
وَمَا
और जो कुछ
we proclaim
نُعْلِنُۗ
हम ज़ाहिर करते हैं
And not
وَمَا
और नहीं
(is) hidden
يَخْفَىٰ
छुप सकती
from
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
any
مِن
कोई चीज़
thing
شَىْءٍ
कोई चीज़
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and not
وَلَا
और ना
in
فِى
आसमान में
the heaven
ٱلسَّمَآءِ
आसमान में

Rabbana innaka ta'lamu ma nukhfee wama nu'linu wama yakhfa 'ala Allahi min shayin fee alardi wala fee alssamai (ʾIbrāhīm 14:38)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमारे रब! तू जानता ही है जो कुछ हम छिपाते है और जो कुछ प्रकट करते है। अल्लाह से तो कोई चीज़ न धरती में छिपी है और न आकाश में

English Sahih:

Our Lord, indeed You know what we conceal and what we declare, and nothing is hidden from Allah on the earth or in the heaven. ([14] Ibrahim : 38)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ हमारे पालने वाले जो कुछ हम छिपाते हैं और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं तू (सबसे) खूब वाक़िफ है और ख़ुदा से तो कोई चीज़ छिपी नहीं (न) ज़मीन में और न आसमान में उस ख़ुदा का (लाख लाख) शुक्र है