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اِنَّمَا جُعِلَ السَّبْتُ عَلَى الَّذِيْنَ اخْتَلَفُوْا فِيْهِۗ وَاِنَّ رَبَّكَ لَيَحْكُمُ بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ فِيْمَا كَانُوْا فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ   ( النحل: ١٢٤ )

Only
إِنَّمَا
बेशक
was appointed
جُعِلَ
फ़र्ज़ किया गया
the Sabbath
ٱلسَّبْتُ
हफ़्ते का दिन
for
عَلَى
उन लोगों पर
those who
ٱلَّذِينَ
उन लोगों पर
differed
ٱخْتَلَفُوا۟
जिन्होंने इख़्तिलाफ़ किया
in it
فِيهِۚ
उसमें
And indeed
وَإِنَّ
औ बेशक
your Lord
رَبَّكَ
रब आपका
will surely judge
لَيَحْكُمُ
अलबत्ता वो फ़ैसला करेगा
between them
بَيْنَهُمْ
दर्मियान उनके
(on) the Day
يَوْمَ
दिन
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
in what
فِيمَا
उसमें जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
[in it]
فِيهِ
जिसमें
differ
يَخْتَلِفُونَ
वो इख़्तिलाफ़ करते

Innama ju'ila alssabtu 'ala allatheena ikhtalafoo feehi wainna rabbaka layahkumu baynahum yawma alqiyamati feema kanoo feehi yakhtalifoona (an-Naḥl 16:124)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'सब्त' तो केवल उन लोगों पर लागू हुआ था जिन्होंने उसके विषय में विभेद किया था। निश्चय ही तुम्हारा रब उनके बीच क़ियामत के दिन उसका फ़ैसला कर देगा, जिसमें वे विभेद करते रहे है

English Sahih:

The sabbath was only appointed for those who differed over it. And indeed, your Lord will judge between them on the Day of Resurrection concerning that over which they used to differ. ([16] An-Nahl : 124)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) हफ्ते (के दिन) की ताज़ीम तो बस उन्हीं लोगों पर लाज़िम की गई थी (यहूद व नसारा इसके बारे में) एख्तिलाफ करते थे और कुछ शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार उनके दरमियान जिस अग्र में वह झगड़ा करते थे क़यामत के दिन फैसला कर देगा