قَدْ مَكَرَ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَاَتَى اللّٰهُ بُنْيَانَهُمْ مِّنَ الْقَوَاعِدِ فَخَرَّ عَلَيْهِمُ السَّقْفُ مِنْ فَوْقِهِمْ وَاَتٰىهُمُ الْعَذَابُ مِنْ حَيْثُ لَا يَشْعُرُوْنَ ( النحل: ٢٦ )
Qad makara allatheena min qablihim faata Allahu bunyanahum mina alqawa'idi fakharra 'alayhimu alssaqfu min fawqihim waatahumu al'athabu min haythu la yash'uroona (an-Naḥl 16:26)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो उनसे पहले गुज़र है वे भी मक्कारियाँ कर चुके है। फिर अल्लाह उनके भवन पर नीवों की ओर से आया और छत उनपर उनके ऊपर से आ गिरी और ऐसे रुख़ से उनपर यातना आई जिसका उन्हें एहसास तक न था
English Sahih:
Those before them had already plotted, but Allah came at [i.e., uprooted] their building from the foundations, so the roof fell upon them from above them, and the punishment came to them from where they did not perceive. ([16] An-Nahl : 26)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
बेशक जो लोग उनसे पहले थे उन्होंने भी मक्कारियाँ की थीं तो (ख़ुदा का हुक्म) उनके ख्यालात की इमारत की जड़ की तरफ से आ पड़ा (पस फिर क्या था) इस ख्याली इमारत की छत उन पर उनके ऊपर से धम से गिर पड़ी (और सब ख्याल हवा हो गए) और जिधर से उन पर अज़ाब आ पहुँचा उसकी उनको ख़बर तक न थी