مَنِ اهْتَدٰى فَاِنَّمَا يَهْتَدِيْ لِنَفْسِهٖۚ وَمَنْ ضَلَّ فَاِنَّمَا يَضِلُّ عَلَيْهَاۗ وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِّزْرَ اُخْرٰىۗ وَمَا كُنَّا مُعَذِّبِيْنَ حَتّٰى نَبْعَثَ رَسُوْلًا ( الإسراء: ١٥ )
Mani ihtada fainnama yahtadee linafsihi waman dalla fainnama yadillu 'alayha wala taziru waziratun wizra okhra wama kunna mu'aththibeena hatta nab'atha rasoolan (al-ʾIsrāʾ 17:15)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो कोई सीधा मार्ग अपनाए तो उसने अपने ही लिए सीधा मार्ग अपनाया और जो पथभ्रष्टो हुआ, तो वह अपने ही बुरे के लिए भटका। और कोई भी बोझ उठानेवाला किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा। और हम लोगों को यातना नहीं देते जब तक कोई रसूल न भेज दें
English Sahih:
Whoever is guided is only guided for [the benefit of] his soul. And whoever errs only errs against it. And no bearer of burdens will bear the burden of another. And never would We punish until We sent a messenger. ([17] Al-Isra : 15)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
जो शख़्श रुबरु होता है तो बस अपने फायदे के लिए यह पर आता है और जो शख़्श गुमराह होता है तो उसने भटक कर अपना आप बिगाड़ा और कोई शख़्श किसी दूसरे (के गुनाह) का बोझ अपने सर नहीं लेगा और हम तो जब तक रसूल को भेजकर तमाम हुज्जत न कर लें किसी पर अज़ाब नहीं किया करते