Skip to main content

وَكَمْ اَهْلَكْنَا مِنَ الْقُرُوْنِ مِنْۢ بَعْدِ نُوْحٍۗ وَكَفٰى بِرَبِّكَ بِذُنُوْبِ عِبَادِهٖ خَبِيْرًاۢ بَصِيْرًا  ( الإسراء: ١٧ )

And how many
وَكَمْ
और कितनी ही
We destroyed
أَهْلَكْنَا
हलाक कीं हमने
from
مِنَ
उम्मतें/बस्तियाँ
the generations
ٱلْقُرُونِ
उम्मतें/बस्तियाँ
after
مِنۢ
बाद
after
بَعْدِ
बाद
Nuh!
نُوحٍۗ
नूह के
And sufficient
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
(is) your Lord
بِرَبِّكَ
रब आपका
concerning the sins
بِذُنُوبِ
गुनाहों की
(of) His servants
عِبَادِهِۦ
अपने बन्दों के
All-Aware
خَبِيرًۢا
ख़ूब ख़बर रखने वाला
All-Seer
بَصِيرًا
ख़ूब देखने वाला

Wakam ahlakna mina alqurooni min ba'di noohin wakafa birabbika bithunoobi 'ibadihi khabeeran baseeran (al-ʾIsrāʾ 17:17)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने नूह के पश्चात कितनी ही नस्लों को विनष्ट कर दिया। तुम्हारा रब अपने बन्दों के गुनाहों की ख़बर रखने, देखने के लिए काफ़ी है

English Sahih:

And how many have We destroyed from the generations after Noah. And sufficient is your Lord, concerning the sins of His servants, as Aware and Seeing. ([17] Al-Isra : 17)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और नूह के बाद से (उस वक्त तक) हमने कितनी उम्मतों को हलाक कर मारा और (ऐ रसूल) तुम्हारा परवरदिगार अपने बन्दों के गुनाहों को जानने और देखने के लिए काफी है