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وَّجَعَلْنَا عَلٰى قُلُوْبِهِمْ اَكِنَّةً اَنْ يَّفْقَهُوْهُ وَفِيْٓ اٰذَانِهِمْ وَقْرًاۗ وَاِذَا ذَكَرْتَ رَبَّكَ فِى الْقُرْاٰنِ وَحْدَهٗ وَلَّوْا عَلٰٓى اَدْبَارِهِمْ نُفُوْرًا  ( الإسراء: ٤٦ )

And We have placed
وَجَعَلْنَا
और डाल देते हैं हम
over
عَلَىٰ
उनके दिलों पर
their hearts
قُلُوبِهِمْ
उनके दिलों पर
coverings
أَكِنَّةً
पर्दे
lest
أَن
कि
they understand it
يَفْقَهُوهُ
(ना) वो समझ सकें उसे
and in
وَفِىٓ
और उनके कानों में
their ears
ءَاذَانِهِمْ
और उनके कानों में
deafness
وَقْرًاۚ
बोझ
And when
وَإِذَا
और जब
you mention
ذَكَرْتَ
ज़िक्र करते आप
your Lord
رَبَّكَ
अपने रब का
in
فِى
क़ुरआन में
the Quran
ٱلْقُرْءَانِ
क़ुरआन में
Alone
وَحْدَهُۥ
अकेले उसी का
they turn
وَلَّوْا۟
वो फिर जाते हैं
on
عَلَىٰٓ
अपनी पुश्तों पर
their backs
أَدْبَٰرِهِمْ
अपनी पुश्तों पर
(in) aversion
نُفُورًا
नफ़रत करते हुए

Waja'alna 'ala quloobihim akinnatan an yafqahoohu wafee athanihim waqran waitha thakarta rabbaka fee alqurani wahdahu wallaw 'ala adbarihim nufooran (al-ʾIsrāʾ 17:46)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उनके दिलों पर भी परदे डाल देते है कि वे समझ न सकें। और उनके कानों में बोझ (कि वे सुन न सकें) । और जब तुम क़ुरआन के माध्यम से अपने रब का वर्णन उसे अकेला बताते हुए करते हो तो वे नफ़रत से अपनी पीठ फेरकर चल देते है

English Sahih:

And We have placed over their hearts coverings, lest they understand it, and in their ears deafness. And when you mention your Lord alone in the Quran, they turn back in aversion. ([17] Al-Isra : 46)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (गोया) हम उनके कानों में गरानी पैदा कर देते हैं कि न सुन सकें जब तुम क़ुरान में अपने परवरदिगार का तन्हा ज़िक्र करते हो तो कुफ्फार उलटे पावँ नफरत करके (तुम्हारे पास से) भाग खड़े होते हैं