عَسٰى رَبُّكُمْ اَنْ يَّرْحَمَكُمْۚ وَاِنْ عُدْتُّمْ عُدْنَاۘ وَجَعَلْنَا جَهَنَّمَ لِلْكٰفِرِيْنَ حَصِيْرًا ( الإسراء: ٨ )
"(It) may be
عَسَىٰ
उम्मीद है
that your Lord
رَبُّكُمْ
रब तुम्हारा
that your Lord
أَن
कि
(may) have mercy upon you
يَرْحَمَكُمْۚ
वो रहम करे तुम पर
But if
وَإِنْ
ओर अगर
you return
عُدتُّمْ
लौटोगे तुम
We will return
عُدْنَاۘ
लौटेंगे हम
And We have made
وَجَعَلْنَا
और बनाया हमने
Hell
جَهَنَّمَ
जहन्नम को
for the disbelievers
لِلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों के लिए
a prison-bed"
حَصِيرًا
क़ैद ख़ाना
'asa rabbukum an yarhamakum wain 'udtum 'udna waja'alna jahannama lilkafireena haseeran (al-ʾIsrāʾ 17:8)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हो सकता है तुम्हारा रब तुमपर दया करे, किन्तु यदि तुम फिर उसी पूर्व नीति की ओर पलटे तो हम भी पलटेंगे, और हमने जहन्नम को इनकार करनेवालों के लिए कारागार बना रखा है
English Sahih:
[Then Allah said], "It is expected, [if you repent], that your Lord will have mercy upon you. But if you return [to sin], We will return [to punishment]. And We have made Hell, for the disbelievers, a prison-bed." ([17] Al-Isra : 8)