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وَرَبُّكَ الْغَفُوْرُ ذُو الرَّحْمَةِۗ لَوْ يُؤَاخِذُهُمْ بِمَا كَسَبُوْا لَعَجَّلَ لَهُمُ الْعَذَابَۗ بَلْ لَّهُمْ مَّوْعِدٌ لَّنْ يَّجِدُوْا مِنْ دُوْنِهٖ مَوْىِٕلًا  ( الكهف: ٥٨ )

And your Lord
وَرَبُّكَ
और रब आपका
(is) the Most Forgiving
ٱلْغَفُورُ
बहुत बख़्शने वाला है
Owner
ذُو
रहमत वाला है
(of) the Mercy
ٱلرَّحْمَةِۖ
रहमत वाला है
If
لَوْ
अगर
He were to seize them
يُؤَاخِذُهُم
वो पकड़े उन्हें
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
they have earned
كَسَبُوا۟
उन्होंने कमाई की
surely, He (would) have hastened
لَعَجَّلَ
अलबत्ता वो जल्दी दे दे
for them
لَهُمُ
उन्हें
the punishment
ٱلْعَذَابَۚ
अज़ाब
But
بَل
बल्कि
for them
لَّهُم
उनके लिए है
(is) an appointment
مَّوْعِدٌ
वादे का एक वक़्त
never
لَّن
हरगिज़ ना
they will find
يَجِدُوا۟
वो पाऐंगे
other than it
مِن
उसके सिवा
other than it
دُونِهِۦ
उसके सिवा
an escape
مَوْئِلًا
कोई पनाहगाह

Warabbuka alghafooru thoo alrrahmati law yuakhithuhum bima kasaboo la'ajjala lahumu al'athaba bal lahum maw'idun lan yajidoo min doonihi mawilan (al-Kahf 18:58)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम्हारा रब अत्यन्त क्षमाशील और दयावान है। यदि वह उन्हें उसपर पकड़ता जो कुछ कि उन्होंने कमाया है तो उनपर शीघ्र ही यातना ला देता। नहीं, बल्कि उनके लिए तो वादे का एक समय निशिचत है। उससे हटकर वे बच निकलने का कोई मार्ग न पाएँगे

English Sahih:

And your Lord is the Forgiving, the possessor of mercy. If He were to impose blame upon them for what they earned, He would have hastened for them the punishment. Rather, for them is an appointment from which they will never find an escape. ([18] Al-Kahf : 58)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ रसूल) तुम्हारा परवरदिगार तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है अगर उनकी करतूतों की सज़ा में धर पकड़ करता तो फौरन (दुनिया ही में) उन पर अज़ाब नाज़िल कर देता मगर उनके लिए तो एक मियाद (मुक़र्रर) है जिससे खुदा के सिवा कहीें पनाह की जगह न पाएंगें