قَالَ اَرَاغِبٌ اَنْتَ عَنْ اٰلِهَتِيْ يٰٓاِبْرٰهِيْمُ ۚ لَىِٕنْ لَّمْ تَنْتَهِ لَاَرْجُمَنَّكَ وَاهْجُرْنِيْ مَلِيًّا ( مريم: ٤٦ )
He said
قَالَ
उसने कहा
"Do you hate
أَرَاغِبٌ
क्या फिरने वाला है
"Do you hate
أَنتَ
तू
(from)
عَنْ
मेरे इलाहों से
my gods
ءَالِهَتِى
मेरे इलाहों से
O Ibrahim?
يَٰٓإِبْرَٰهِيمُۖ
ऐ इब्राहीम
Surely, if
لَئِن
अलबत्ता अगर
not
لَّمْ
ना
you desist
تَنتَهِ
तू बाज़ आया
surely, I will stone you
لَأَرْجُمَنَّكَۖ
अलबत्ता मैं ज़रुर संगसार कर दूँगा
so leave me
وَٱهْجُرْنِى
और छोड़ दे मुझे
(for) a prolonged time"
مَلِيًّا
लम्बी मुद्दत तक
Qala araghibun anta 'an alihatee ya ibraheemu lain lam tantahi laarjumannaka waohjurnee maliyyan (Maryam 19:46)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'ऐ इबराहीम! क्या तू मेरे उपास्यों से फिर गया है? यदि तू बाज़ न आया तो मैं तुझपर पथराव कर दूँगा। तू अलग हो जा मुझसे मुद्दत के लिए!'
English Sahih:
[His father] said, "Have you no desire for my gods, O Abraham? If you do not desist, I will surely stone you, so avoid me a prolonged time." ([19] Maryam : 46)