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قُلْ مَنْ كَانَ فِى الضَّلٰلَةِ فَلْيَمْدُدْ لَهُ الرَّحْمٰنُ مَدًّا ەۚ حَتّٰىٓ اِذَا رَاَوْا مَا يُوْعَدُوْنَ اِمَّا الْعَذَابَ وَاِمَّا السَّاعَةَ ۗفَسَيَعْلَمُوْنَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضْعَفُ جُنْدًا  ( مريم: ٧٥ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"Whoever
مَن
जो कोई
is
كَانَ
है
in
فِى
गुमराही में
[the] error
ٱلضَّلَٰلَةِ
गुमराही में
then surely will extend
فَلْيَمْدُدْ
पस ज़रूर ढील देता है
for him
لَهُ
उसे
the Most Gracious
ٱلرَّحْمَٰنُ
रहमान
an extension
مَدًّاۚ
ख़ूब ढील देना
until
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
when
إِذَا
जब
they see
رَأَوْا۟
वो देख लेंगे
what
مَا
जो
they were promised
يُوعَدُونَ
वो वादा किए जाते हैं
either
إِمَّا
ख़्वाह
the punishment
ٱلْعَذَابَ
अज़ाब हो
or
وَإِمَّا
और ख़्वाह
the Hour
ٱلسَّاعَةَ
क़यामत हो
then they will know
فَسَيَعْلَمُونَ
तो अनक़रीब वो जान लेंगे
who
مَنْ
कौन है
[he]
هُوَ
वो (जो)
(is) worst
شَرٌّ
बेहतर है
(in) position
مَّكَانًا
मक़ाम में
and weaker
وَأَضْعَفُ
और कमज़ोर तर
(in) forces"
جُندًا
लश्कर के ऐतबार से

Qul man kana fee alddalalati falyamdud lahu alrrahmanu maddan hatta itha raaw ma yoo'adoona imma al'athaba waimma alssa'ata fasaya'lamoona man huwa sharrun makanan waad'afu jundan (Maryam 19:75)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कह दो, 'जो गुमराही में पड़ा हुआ है उसके प्रति तो यही चाहिए कि रहमान उसकी रस्सी ख़ूब ढीली छोड़ दे, यहाँ तक कि जब ऐसे लोग उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है - चाहे यातना हो या क़ियामत की घड़ी - तो वे उस समय जान लेंगे कि अपने स्थान की स्पष्ट से कौन निकृष्ट और जत्थे की दृष्टि से अधिक कमजोर है।'

English Sahih:

Say, "Whoever is in error – let the Most Merciful extend for him an extension [in wealth and time] until, when they see that which they were promised – either punishment [in this world] or the Hour [of resurrection] – they will come to know who is worst in position and weaker in soldiers." ([19] Maryam : 75)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) कह दो कि जो शख्स गुमराही में पड़ा है तो खुदा उसको ढ़ील ही देता चला जाता है यहाँ तक कि उस चीज़ को (अपनी ऑंखों से) देख लेंगे जिनका उनसे वायदा किया गया है या अज़ाब या क़यामत तो उस वक्त उन्हें मालूम हो जाएगा कि मरतबे में कौन बदतर है और लश्कर (जत्थे) में कौन कमज़ोर है (बेकस) है