فَاِنَّمَا يَسَّرْنٰهُ بِلِسَانِكَ لِتُبَشِّرَ بِهِ الْمُتَّقِيْنَ وَتُنْذِرَ بِهٖ قَوْمًا لُّدًّا ( مريم: ٩٧ )
So only
فَإِنَّمَا
पस बेशक
We (have) made it easy
يَسَّرْنَٰهُ
आसान कर दिया हमने उसे
in your tongue
بِلِسَانِكَ
आपकी ज़बान में
that you may give glad tidings
لِتُبَشِّرَ
ताकि आप ख़ुशख़बरी दें
with it
بِهِ
साथ उसके
(to) the righteous
ٱلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोगों को
and warn
وَتُنذِرَ
और आप डराऐं
with it
بِهِۦ
साथ उसके
a people
قَوْمًا
ऐसी क़ौम को
hostile
لُّدًّا
जो झगड़ालू है
Fainnama yassarnahu bilisanika litubashshira bihi almuttaqeena watunthira bihi qawman luddan (Maryam 19:97)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अतः हमने इस वाणी को तुम्हारी भाषा में इसी लिए सहज एवं उपयुक्त बनाया है, ताकि तुम इसके द्वारा डर रखनेवालों को शुभ सूचना दो और उन झगड़ालू लोगों को इसके द्वारा डराओ
English Sahih:
So, [O Muhammad], We have only made it [i.e., the Quran] easy in your tongue [i.e., the Arabic language] that you may give good tidings thereby to the righteous and warn thereby a hostile people. ([19] Maryam : 97)