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وَاِذْ اَخَذْنَا مِيْثَاقَكُمْ وَرَفَعْنَا فَوْقَكُمُ الطُّوْرَۗ خُذُوْا مَآ اٰتَيْنٰكُمْ بِقُوَّةٍ وَّاذْكُرُوْا مَا فِيْهِ لَعَلَّكُمْ تَتَّقُوْنَ  ( البقرة: ٦٣ )

And when
وَإِذْ
और जब
We took
أَخَذْنَا
लिया हमने
your covenant
مِيثَٰقَكُمْ
पुख़्ता अहद तुम से
and We raised
وَرَفَعْنَا
और उठाया हमने
over you
فَوْقَكُمُ
ऊपर तुम्हारे
the mount
ٱلطُّورَ
तूर को
"Hold
خُذُوا۟
पकड़ो
what
مَآ
जो
We have given you
ءَاتَيْنَٰكُم
दिया हमने तुम्हें
with strength
بِقُوَّةٍ
साथ क़ुव्वत के
and remember
وَٱذْكُرُوا۟
और याद करो
what
مَا
जो
(is) in it
فِيهِ
उसमें है
perhaps you
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
(would become) righteous"
تَتَّقُونَ
तुम बच जाओ

Waith akhathna meethaqakum warafa'na fawqakumu alttoora khuthoo ma ataynakum biquwwatin waothkuroo ma feehi la'allakum tattaqoona (al-Baq̈arah 2:63)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और याद करो जब हमने इस हाल में कि तूर पर्वत को तुम्हारे ऊपर ऊँचा कर रखा था, तुमसे दृढ़ वचन लिया था, 'जो चीज़ हमने तुम्हें दी हैं उसे मजबूती के साथ पकड़ो और जो कुछ उसमें हैं उसे याद रखो ताकि तुम बच सको।'

English Sahih:

And [recall] when We took your covenant, [O Children of Israel, to abide by the Torah] and We raised over you the mount, [saying], "Take what We have given you with determination and remember what is in it that perhaps you may become righteous." ([2] Al-Baqarah : 63)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (वह वक्त याद करो) जब हमने (तामीले तौरेत) का तुमसे एक़रार कर लिया और हमने तुम्हारे सर पर तूर से (पहाड़ को) लाकर लटकाया और कह दिया कि तौरेत जो हमने तुमको दी है उसको मज़बूत पकड़े रहो और जो कुछ उसमें है उसको याद रखो